“डक” का मतलब क्रिकेट में क्या होता है?

Gourav Pilania
Cricket Expert

क्रिकेट में “डक” तब होता है जब कोई बल्लेबाज़ बिना कोई रन बनाए आउट हो जाता है। यह शब्द शून्य की आकृति से आया है, जो बत्तख के अंडे जैसा दिखता है। चाहे यह पहली गेंद पर हो या आखिरी पर, शून्य पर आउट होना हमेशा एक कठिन अनुभव होता है।

क्रिकेटर गेंद का इंतजार कर रहा है

डक का सामना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी कई बार होता है। सचिन तेंदुलकर, रिकी पोंटिंग और विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी अपने करियर में डक का शिकार हो चुके हैं।

क्रिकेट में डक के विभिन्न प्रकार

क्रिकेट की शब्दावली काफी रचनात्मक होती है, और डक भी इसका हिस्सा है। यहां क्रिकेट में डक के अलग-अलग प्रकार और उनकी विशेषताएं दी गई हैं:

डक का प्रकार विवरण
रेगुलर डक शून्य पर आउट होना लेकिन पहली गेंद पर नहीं।
गोल्डन डक पहली ही गेंद पर आउट होना।
सिल्वर डक दूसरी गेंद पर बिना रन बनाए आउट होना।
ब्रॉन्ज डक तीसरी गेंद पर बिना रन बनाए आउट होना।
डायमंड डक बिना कोई वैध गेंद खेले (जैसे रन आउट) आउट होना।
रॉयल डक पारी के पहले बल्लेबाज़ का शून्य पर आउट होना।
लाफिंग डक पारी के आखिरी बल्लेबाज़ का शून्य पर आउट होना।
गोल्डन गूज किसी बल्लेबाज़ या टीम द्वारा एक मैच या सीरीज़ में कई गोल्डन डक।

रेगुलर डक

रेगुलर डक तब होता है जब बल्लेबाज़ शून्य पर आउट होता है लेकिन पहली गेंद पर नहीं। यह सबसे सामान्य प्रकार का डक है और शायद सबसे कम शर्मिंदगी वाला।

गोल्डन डक

गोल्डन डक तब होता है जब बल्लेबाज़ अपनी पहली ही गेंद पर आउट हो जाता है। यह हर बल्लेबाज़ का बुरा सपना होता है और अक्सर टीम के साथियों से मज़ाक झेलना पड़ता है। सोचिए, मैदान पर जाना, गार्ड लेना और एक ही पल में वापस लौट आना!

सिल्वर डक

सिल्वर डक तब होता है जब बल्लेबाज़ दूसरी गेंद पर बिना रन बनाए आउट होता है। यह भी एक डक है, लेकिन कम से कम बल्लेबाज़ ने एक गेंद तो देखी।

ब्रॉन्ज डक

ब्रॉन्ज डक उन खिलाड़ियों के लिए होता है जो तीन गेंद खेलते हैं और फिर भी शून्य पर आउट हो जाते हैं। यह कमेंट्री में शायद ही सुनाई देता है, लेकिन क्रिकेट की अनोखी शब्दावली का हिस्सा है।

डायमंड डक

डायमंड डक सबसे दुर्लभ प्रकार है। यह तब होता है जब बल्लेबाज़ बिना कोई वैध गेंद खेले (जैसे रन आउट या फील्ड को बाधित करने पर) आउट हो जाता है।

रॉयल डक

रॉयल डक तब होता है जब पारी का पहला बल्लेबाज़ शून्य पर आउट हो जाता है। पारी की शुरुआत में रॉयल डक टीम के लिए खराब संकेत हो सकता है।

लाफिंग डक

लाफिंग डक का मतलब है कि पारी का आखिरी बल्लेबाज़ शून्य पर आउट हो जाए। यह नाम भले ही मज़ेदार लगे, लेकिन यह खिलाड़ी या उसकी टीम के लिए हंसी की बात नहीं होती।

गोल्डन गूज

यह तकनीकी रूप से डक का प्रकार नहीं है, लेकिन इसका जिक्र जरूरी है। गोल्डन गूज तब होता है जब एक बल्लेबाज़ या टीम किसी मैच या सीरीज़ में कई गोल्डन डक का शिकार होती है। यह क्रिकेट प्रशंसकों के लिए किसी बुरे सपने जैसा होता है।

क्रिकेट डक से जुड़े रोचक तथ्य और किस्से

  1. क्रिकेट का सबसे तेज़ डक: श्रीलंका के पूर्व खिलाड़ी सनथ जयसूर्या ने 2003 में पाकिस्तान के खिलाफ एकदिवसीय मैच की पहली गेंद पर आउट होकर सबसे तेज़ डक में से एक बनाया।
  2. मुथैया मुरलीधरन का रिकॉर्ड: श्रीलंका के महान गेंदबाज़ मुथैया मुरलीधरन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा 59 बार डक पर आउट हुए।
  3. सबसे लंबा डक से बचने का रिकॉर्ड: भारतीय क्रिकेट दिग्गज राहुल द्रविड़ ने टेस्ट क्रिकेट में लगातार 120 पारियों तक बिना डक बनाए खेला।
  4. एक ही मैच में डक: 2011 में, ऑस्ट्रेलिया के टॉप तीन बल्लेबाज़ - शेन वॉटसन, ब्रैड हैडिन, और रिकी पोंटिंग - एक ही पारी में डक पर आउट हुए।
  5. फाइनल में गोल्डन डक: आईपीएल फाइनल के दौरान भारतीय क्रिकेटर ऋतुराज गायकवाड़ एक बार गोल्डन डक पर आउट हुए, यह साबित करता है कि बड़े खिलाड़ी भी बुरे दिनों का सामना कर सकते हैं।

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